न्यूज़रूम की बकैती
गुरमीत राम रहीम को
रेप का दोषी क़रार दिए जाने के बाद काफ़ी लोग सवाल कर रहे हैं कि जो न्यूज़ चैनल्स
अब तक बाबा का बड़े मज़े से न्यूज़रूम और बाबा के डेरे में जा कर इंटरव्यू किया
करते थे वही अब बाबा को बल भर गरिया रहे हैं। गरियाना तो बनता है यार बबवा के
समर्थक सब न्यूज़ चैनल वालों की गाड़ी, ओबी वैन जलाकर लाखों का नुक़सान कर दिए
हैं। अब भी नहीं गरियाएं तो क्या करें? लेकिन इस घटनाक्रम
की तैयारी पहले ही की जा चुकी थी। मगर कैसे ये जानने के लिए नीचे दी गई एक सीनियर
एंकर और गेस्ट को-ऑर्डिनेशन वाले लौंडे के बीच हुई बातचीत को पढ़िए, समझ में आ
जाएगा। :-
‘सर आप कह रहे थे ना कि आपको किसी बड़े आदमी का
इंटरव्यू करना है?’
‘हां उदय कहा तो था, तो क्या
तुमने किसी को लाइन अप किया है?’
‘जी सर आप सोच भी नहीं सकते कि मैंने किसे लाइन अप
किया है’
‘तो सस्पेंस क्यों क्रिएट कर रहे हो जल्दी से बताओ
ना किसे लाइनअप किया है?’
‘सर मैंने साक्षात गॉड को.. यानी के भगवान को
लाइनअप किया है, लोग उन्हें पूजते हैं सर’
‘अच्छा! सुबह से तुम्हें कोई
मिला नहीं बनाने को.. मेरा टाइम वेस्ट मत करो, काम की बात करनी हो तो
बताओ वर्ना मेरा वक़्त कितना क़ीमती है ये तुम्हें भी पता है’
‘ओके सर आप ग़ुस्सा मत होइये, मैं आपको बता ही देता
हूं कि मैंने किसको लाइनअप किया है’
‘सर मैंने सीधे मेसेंजर ऑफ़ गॉड को लाइनअप किया है’
‘क्या बकवास है ये? तुमने ऑफ़िस टाइम में चढ़ा ली है क्या जी’ (सीनियर एंकर आंख
तरेरते हुए उदय के क़रीब पहुंचते हैं कि कहीं शराब की स्मेल तो नहीं आ रही)
‘अरे नहीं सर मैं सच कह रहा हूं मैंने मेसेंजर ऑफ़
गॉड को लाइनअप किया है.. वो उड़ सकते हैं.. उनकी बाइक हवा से बातें करती है.. वो
रॉकस्टार हैं.. कनसर्ट करते हैं.. गाने भी गाते हैं.. अपने कपड़े ख़ुद डिज़ाइन
करते हैं.. उनके चाहने वाले तो उनके दाढ़ी से भरे चेहरे को देखते ही अपने सारे ग़म
भूल जाते हैं.. उनके चेहरे पर एक अलग ही तेज है.. करोड़ों चाहने वाले हैं उनके या
यूं कहिए कि करोड़ों भक्त हैं उनके..’
हैं!!?? किसकी बात कर रहे हो यार? (अब एंकर मियां अपने डिबेट शो की तरह पूरे सीरियस
होकर सवाल दाग़ते हैं)
‘अरे सर वही जिन्होंने अपने नाम से ही हिंदू-मुस्लिम एकता की
मिसाल पेश की है नाम है उनका बाबा गुरमीत राम रहीम’
‘अच्छा वो डेरा
वाला दढ़ियल जो ख़ुद ही फ़िल्में बनाता है, ख़ुद ही उनमें एक्टिंग करता है, ख़ुद
ही गाने कम्पोज़ करता है, ख़ुद ही उन्हें गाता भी है, गाने के वाहियात बोल से तो मैं शर्त लगा सकता हूं
कि उन्हें लिखता भी वही होगा, प्रोड्यूस-डाइरेक्ट सब वही करता है’
‘सर.. एडिटिंग और कैमरा भी वही देखते हैं, और कॉस्ट्यूम भी वही
डिज़ाइन करते हैं’
‘सत्यानाश’
‘अरे सर ऐसा ना कहिए, पाप लगेगा.. वो मेसेंजर ऑफ़
गॉड हैं.. साक्षात भगवान के अवतार सर.. उनकी मूछों के बल पर तो हवा अपना रुख बदल
दिया करती है। वो जब स्टेज पर पहुंचते हैं तो उनको देखने के लिए उनके करोड़ों भक्त
उमड़ पड़ते हैं.. उनकी एक आवाज़ पर भक्त दुनिया की ईंट से ईंट बजाने को तैयार रहते
हैं.. और आप कह रहे हैं दढ़ियल’
‘तो उस मोटे को दढ़ियल नहीं तो क्या इश्वर काका कहूं?’
‘लगता है आपको उनकी शक्ति का अंदाज़ा ही नहीं है
सर, उनका कहना है कि उनकी फ़िल्में देख पंजाब के लोगों ने नशा करना छोड़ दिया है
और वे फ़िल्में सिर्फ़ यूथ का नशा छुड़ाने के लिए करते हैं ताकि युवा वर्ग उनकी
फ़िल्में देखकर इन्सपायर हो सके’
‘कितनों ने फ़िल्म देखकर नशा छोड़ा कोई आइडिया है?’
‘अरे सर इतनों ने छोड़ दिया कि अब तो आइडिया भी
नहीं है’
‘अरे मेरे भोले भास्कर, दिमाग़ साथ में लेके चला
कर’
‘हां सर आप बॉस हैं आपका मज़ाक़ उड़ाना, मज़े लेना
तो बनता है.. ये तो आपका हक़ है’
‘फिर तो तेरे एकता के प्रतीक बाबा के वर्ल्ड क्लास
प्रॉडक्ट्स – घी, तेल, टूथपेस्ट, आटा वगैरह ख़रीदने से तो डायरेक्ट भगवान शिव ख़ुश
हो जाते होंगे?’
‘तो सर रामदेव के स्वदेशी प्रॉडक्ट ख़रीदकर आप कौन
सा फ़्रीडम फ़ाइटर बन रहे हैं?’
‘उफ़्फ़..ओह मुद्दा मत भटकाओ उदय’
‘सॉरी सर सारी ग़लती मेरी ही थी’ (समझदार जूनियर वही है जो मौक़े की नज़ाकत को
समझते हुए सीनियर के सामने झट से अपनी हार स्वीकार करे)
‘हां तो अब बोलो तुम क्या कह रहे थे?’
‘यही सर कि उनका इंटरव्यू करने से आप पर भी कृपा
बरसेगी’
‘वो कैसे?’
‘वेरी सिंपल सर.. आप इंटरव्यू करेंगे, इंटरव्यू
अपने न्यूज़ चैनल पर चलेगा, टीआरपी आएगी तो चैनल की रेटिंग बढ़ेगी, रेटिंग बढ़ेगी
तो कमर्शियल/ऐड बढ़ेंगे.. फिर आपको सीनियर एडिटर बनने से कौन
रोक पाएगा, अप्रेज़ल फॉर्म में मेजर अचीवमेंट का कॉलम भी चमक उठेगा सर’ (उदय कॉन्फ़िडेंट है कि अब सर को इंटरव्यू के
लिए मना लूंगा)
‘हां यार इतनी दूर तक का तो मैंने सोचा ही नहीं,
यू हैव ए नाइस विज़न, मेरे साथ रहकर तुम काफ़ी कुछ सीख गए हो’ (एंकर जी खुली आंखों से उदय की कही हुई बातों को
इमैजिन भी कर लेते हैं)
‘तो सर एकता के प्रतीक उस देवदूत से फ़्राइडे का
टाइम फ़िक्स कर दूं? शनि-रवि को शो रिपीट कर देंगे’
‘वो सब तो ठीक है यार उदय लेकिन मैं ये सोच रहा था
कि....’
‘अरे सर अब क्या सोचने लगे?’
‘यही कि तुम्हारे उस एकता के प्रतीक मोटे दढ़ियल देवदूत
पर तो रेप का केस चल रहा है, साथ ही मर्डर का भी चार्ज है’
‘चार्ज ही तो है दोषी थोड़ी क़रार दिया है कोर्ट
ने, साबित ना होने तक सभी आरोपी ही होते हैं आप ही ने सिखाया है सर’
‘हां यार ये भी सही बात है कल को अगर वो दोषी
क़रार दिया जाता है तो...’
‘तो सर बलात्कारी बाबा, बाबा बलात्कारी, बाबा
बवाली, ढोंगी बाबा किसी नाम से शो बना लेंगे’
‘ह्म्मम ये भी सही है, तो बुलाओ अपने उस देवदूत को
उसके चरणों से अपना ऑफ़िस और न्यूज़ रूम शुद्ध और पवित्र कर लेते हैं बट मेक श्योर
वो दढ़ियल नहा के आए’
‘हाहाहा डन सर! शुक्रवार को बाबा का
उद्धार करते हैं’
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